समय साक्षी
Wednesday, September 21, 2011
अभिलाषाएं- १
मिट्टी
तन झुलसे अंगार से सुख न शलभ के प्यार से,
अंतिम सांसों तक लड़े चाहे ज्योति बयार से,
स्नेह सुधा पी बसुधा की आरती उतारूँ मै सदा,
ऐसा दीपक मुझे बनाना मिट्टी कहे कुम्हार से.
साभार
- ठाकुर इन्द्रदेव सिंह " इन्द्र कवि"
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment