मीडिया की भूमिका
मीडिया जो आज अन्ना हजारे के साथ है ,क्या कल भी वह साथ निभाएगा? कहीं मीडिया का यह साथ चंद दिनों का दिखावा तो नहीं! आज नीरा राडिया के टेप के खुलासों के बाद मीडिया को अपनी छवि सुधारने के लिए ऐसे ही किसी आन्दोलन के साथ खड़े होना जरूरी बन गया था. नहीं तो स्वामी अग्निवेश और मेधा पाटकर जंतर मंतर पर कितने ही संवेदनशील मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहे है, इतनी भीड़ न सही पर सच्चे समर्थक वहां जरूर जुटते है, पर मीडिया ने आज तक दिन रात लग कर वहां की रिपोर्टिंग नहीं की. चलिए अपनी छवि सुधारने के लिए ही सही मीडिया ने एक अच्छे काम के लिए आवाज़ तो उठाई.
2 comments:
Gr8t yar....bahut accha laga dekh kar...keep it up:-)
thanx fr appreciation
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