Sunday, August 7, 2011
मीडिया की आस्था
आस्था के प्रश्न बड़े खतरनाक होते है. कुछ लोगों के लिए तो जीवन और मृत्यु से भी बड़े.सत्य साईं बाबा जब आई. सी.यू. में थे, तो मीडिया लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहा था की उनकी मृत्यु से लोग गहरे सदमे में आ जायेंगे. कुछ लोगों को गहरा सदमा लगा भी. क्रिकेट के भगवान् की आँख में तो आंसू तक आ गये, उनकी व्यक्तिगत आस्था किसी के प्रति हो सकती है और वे किसी के लिए भी आंसू बहा सकते है इसमें कोई दो राय नहीं. पर मीडिया बहुत सी ख़बरें गड़प कर जाती है. जब साईनाथ के कमरे से करोड़ो की संपत्ति पाई गई तो मीडिया ने इस संपत्ति का सच सबके सामने ज़ाहिर नहीं किया. क्या ऐसा मीडिया ने आस्था के प्रश्नों से बचने के लिए किया या भगवान् के सच को छुपाने के लिए किया.
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